शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2009

खुशी


खुशी मेरे घर ऐसे आना चारो ओर खुशियां फैलाना

खुशियाँ ही खुशियाँ हो मेरे आस पास कुछ ऐसा कर जाना
जब आना तुम अपने साथ खुशियों का ख़जाना लाना

ऐ खुशी मेरे घर ऐसे आना

जैसे खुशियों का सागर हो

ऐसे आना जैसे खुशियों की बारिश हो

हर तरफ तुम्हरी ही खुशबू हो

अपने आने की अनुभूति ऐसे कराना

खूशबू का झोका का एहसास कराना

ख़ुशी तुम्हारी चाहत है

तुम्हारी ही आरजु है

बन जाओ मेरे घर की शोभा

ये ही मेरे गुजारिश है


शनिवार, 17 अक्तूबर 2009

दीवाली


जला लो दीप मन का आई है दीवाली
करलो रौशन अपना जहां आई है दीवाली
भर लो सारे जहां की रौशनी तुम अपने दामन में
चूक ना जाना तुम इस दीवाली में
माँग लो तुम आज जो है तुम्हारे मन में
देगी माँ लक्ष्मी अपार जो है तेरे मन में
दीप जलाओ खुशी मनाओ करो उज्जवल संसार
जला लो दीप मन का आई है दीवाली
करलो रौशन अपना जहां आई है दीवाली आज