रविवार, 20 सितंबर 2009

दिलबर


किसी दिलबर से दिल लगा कर हम भी देखेगें


करता है वो हम से मुहबत कितना हम भी देखेगें


आबाद है दुनियां इन आशिकों से करते हैं ये वफा


कितना हम भी देखेगें


गर खुदा है तो खुदायत भी होगी


आशिक है तो दीवानगी भी होगी


मरता है ये दिवाना कितना हम भी देखेगें


किसी दिलबर से दिल लगा कर हम भी देखेगें

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