गुरुवार, 20 अगस्त 2009

समय

समय निकाल कर गौर फरमा लो

हम तुम्हॆ याद करते हैं फोन उठा लो

इतनी भी क्या बॆरुखी अपनो सॆ

हम तुम्हारॆ अपनॆ हैं कोई गैर नहीं

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