आँखों मॆं सपनॆ
हज़ार हों
दिल मॆं आरजू
हजार हो
पास अपनॆ
हजार हो
एक तुम न हो तो
सारी दुनिया बॆकार हो
हज़ार हों
दिल मॆं आरजू
हजार हो
पास अपनॆ
हजार हो
एक तुम न हो तो
सारी दुनिया बॆकार हो
आज के इस युग में मुझे ये समझ में आया है, सोचूं जिसे अपना वो गैर नजर आया है, कर सकूं भरोसा ऐसा कोई मिल जाए, अपना न सही अपने जैसा मिल जाए, इस दिल में उम्मीदों की कमी नहीं है, पर मैं आँख बंद कर, कर लूं भरोसा ऐसा कोई मिला तो नहीं हैं,
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