कहीं कल आज और कल मॆं
दुनियां बदल जाती है।
जो कल अपना लगता था
आज बॆगाना लगता है।
अपनो किया अपनो सॆ धोखा
और जमाना कहता है
दुनिया कि है रीत यही
बनना बिगड़ना लिखा है
जानॆ कहां गए ओ दिन
जब पास अपनॆ होतॆ थॆं
गुजर गया वो जमाना
जब पास अपनॆ होतॆ थॆं
आज आलम यॆ है कि
दूरियां ही दूरियां है
पास आना किसॆ मंजुर
दूरियां ही
नजदीकियाँ हैं।
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antim char line mujhe bahut achaa laga jab dooriyan bahut badh gayee ho to apne aapko khush rakhane ke liye sabse ideal rasta yahi hai
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THE LAST FOUR LINE I LIKE THE MOST
जवाब देंहटाएंIT'S STRAIGHT FROM THE HEART
KEEP WRITING